अष्ट शहीदों की स्मृति में ‘ एक शाम अष्ट शहीदों के नाम’ कार्यक्रम का हुआ आयोजन
1942 की अगस्त क्रांति को कौन भूल सकता है? और उस वीर गाथा का नाम गाजीपुर से जोड़े बिना वह अधूरा ही है। 18 अगस्त 1942 को गाजीपुर स्थित शेरपुर गांव के युवा डॉ शिवपूजन राय के नेतृत्व में आठ युवकों ने अंग्रजों की गोली खाकर शहादत को तो स्वीकार किया लेकिन उन अमर बलिदानियों ने फिरंगियों के सामने तिरंगा को झुकने नहीं दिया। इनके अदम्य साहस का ही देन था कि मोहम्दाबाद तहसील पर आजादी का प्रतीक तिरंगा फहराया गया था।
भारत की आजादी के आंदोलन में बलिदान और उत्सर्ग की ये वो उत्कृष्ट गाथा है। जिसने समूचे भारतीयों में देशभक्ति की भावना को बढ़ा दिया। गाजीपुर के अष्ट शहीदों से प्रेरित लाखों नौजवान फिरंगियों के चंगुल से मां भारती को मुक्त कराने का प्रण कर घरों से निकल पड़े थे।
अपनी माटी के इन अमर सपूतों की स्मृतियों को जीवंत बनाए रखने के उद्देश्य से उत्तरप्रदेश कल्चरल फोरम के बैनर तले गाजीपुर शहर के द ग्रैंड पैलेस सभागार में “एक शाम अष्ट शहीदों के नाम” कार्यक्रम का आयोजन 18/08/2022 को हुआ था। जिसमें मोहम्दाबाद (ग़ाज़ीपुर)के अष्ट शहीदों की स्मृति में व्याख्यान, काव्यगोष्ठी, व अष्ट शहीदों के परिवारीजनों को सम्मानित किया गया।वहीं शेरे बलिया के नाम से मशहूर अमर शहीद श्री चित्तू पांडे जी के प्रपौत्र के साथ- साथ इस समारोह में आए वरिष्ठ लोकतंत्र सेनानियों को भी सम्मानित किया गया।
यूपी कल्चरल फोरम के अध्यक्ष पं. दीपक दूबे ने सभी शहीदों के परिवारीजनों को स्मृतिचिन्ह एवं अंगवस्त्रम भेंट कर सम्मानित किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि देश को आजाद कराने में इन बलिदानियों का योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता है। गाजीपुर के लोग अपने इन महान पूर्वजों के ऋणी हैं। क्योंकि उनके साहस और बलिदान ने देश की आजादी की लड़ाई को निर्णायक मोड़ दिया था। इस मौके पर ख्यातिलब्ध कवियों ने शहीदों की याद में काव्य पाठ कर उनकी गौरव गाथा को जीवंत कर दिया। वीररस की ओजपूर्ण कविताओं को सुनकर, श्रोताओं में राष्ट्रप्रेम का भाव हिलोरें मारने लगा।
यूपी कल्चरल फोरम के अध्यक्ष पं. दीपक दूबे की तरफ से स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की स्मृति में गाजीपुर जिला मुख्यालय पर एक शहीद स्मारक बनाने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया। इसे जनपद के जनप्रतिनिधियों एवं गणमान्य नागरिकों ने स्वीकृति प्रदान की। आने वाले दिनों में जब यह स्मारक तैयार हो जाएगा तो ये वर्तमान समेत भावी पीढ़ी को देश की आजादी में शहीद अपने पूर्वजों के योगदान से परिचित कराएगा। इससे गाजीपुर के युवाओं में राष्ट्रप्रेम की भावना बढ़ेगी। गाजीपुर आने वाले लोग भी, यहां के स्वर्णिम इतिहास से परिचित हो पाएंगे।
इस अवसर पर भाजपा से पूर्व मंत्री डॉ संगीता बलवन्त, सपा से गाजीपुर सदर विधायक जैकिशन गुप्ता साहू , नगरपालिका परिषद अध्यक्ष श्रीमती सरिता अग्रवाल,पूर्व चेयरमैन श्री विनोद अग्रवाल , इलाहाबाद विश्विद्यालय के श्वताब्दी वर्ष छात्रसंघ अध्यक्ष श्री एस पी पांडेय , पूर्व विधायक एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता श्री अमिताभ अनिल दूबे,गाजीपुर पी जी कालेज से प्रो विनय दूबे, प्रो रविशंकर सिंह,डॉ समरेंद्र मिश्र, ब्राम्हण जन सेवा मंच के संयोजक पं. प्रदीप चतुर्वेदी जी एवं जिला शासकीय अधिवक्ता कृपाशंकर राय, गाजीपुर पत्रकार एशोसिएशन के अध्यक्ष विनोद पांडेय, महामंत्री चंद्रमोहन तिवारी,, साहित्य चेतना मंच के संयोजक श्री अमरनाथ तिवारी ‘अमर’, रिटायर्ड सूबेदार मेजर संजय कुमार त्रिपाठी के अलावा शहर के अन्य गणमान्य और प्रबुद्ध जन उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन संजय चतुर्वेदी जी ने किया
आयोजन की सफलता में फोरम के संयोजक ब्रजेश पांडेय, प्रदेश मीडिया संयोजक अखिलानंद तिवारी,सचिव श्रीमती गीतिका दीपक , सदस्य राकेश दूबे, एस आर दूबे जी का सराहनीय योगदान रहा।
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